देवली के अटल उद्यान में विहिप के प्रखंड अध्यक्ष कृष्ण गोपाल शर्मा व पतंजलि के जिलाध्यक्ष अशोक दूबे के सानिध्य में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह का समापन पूर्णाहुति के साथ हुआ। कथा के अंतिम दिन कथावाचक प्रिया किशोरी ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर वर्णन किया।
सुदामा जी गरीबी के बावजूद भी भगवत भक्ति का ध्यान करते हुए भिक्षा मांगकर अपने परिवार का पालन पोषण करते। अपनी पत्नी सुशीला के बार बार आग्रह करने पर सुदामा द्वारका पहुंचते हैं और जब द्वारपाल भगवान कृष्ण को बताते हैं कि सुदामा नाम का ब्राम्हण आया है। कृष्ण यह सुनकर नंगे पैर दौङकर आते हैं और अपने मित्र को गले से लगा लेते हैं। अगले प्रसंग में शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सात दिन तक श्रीमद्भागवत कथा सुनाई जिससे उनके मन से मृत्यु का भय निकल गया। सातों दिनों के यजमानों का व्यास पीठ से सम्मान किया गया तथा हवन कुंड में यजमानों ने आहुतियां दी। इसी के साथ कथा स्थल पर भण्डारे का आयोजन किया गया, जिसमें कथावाचक मण्डल के साथ ही सभी कथा श्रवण करने वाले श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।