देवली के बावड़ी बालाजी मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में प्रथम दिवस पर स्वामी बसंत महाराज ने भागवत महात्म्य का सुंदर वर्णन श्रोताओं को श्रवण कराते हुए कहा कि कलयुग में श्रीमद् भागवत कथा सुनने मात्र से ही मनुष्य का कल्याण हो जाता है। भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जिसके वाचन और सुनने से वातावरण में शुद्धि तो आती ही है, साथ ही मन और मस्तिष्क भी स्वच्छ हो जाता है।
उन्होंने कहा कि मानव शरीर मिलने का उद्देश्य भगवान की भक्ति कर सदा के लिए जन्म-जन्मांतर के चक्र से मुक्त होकर ईश्वर के चरणों में समाहित होने का मौका है। अन्य प्राणी या जीव भगवान की भक्ति नहीं कर सकते अतः मनुष्य जीवन ही ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र जरिया है। प्रभु को पाने के लिए प्रभु से प्रेम कर उनको अपना मान लेना ही भगवत प्राप्ति का साधन है और यही रास्ता श्रीमद्भगवत गीता दिखाती है। उल्लेखनीय है कि कथा का उद्देश्य बीमार घायल गौ माताओ की सेवा हेतु सहयोग राशि एकत्रित करना है।