Ajay AryaAjay Arya 28-Jul-2023
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आई फ्लू खतरनाक बिमारी नहीं बल्कि आंखों का संक्रमण है, जिससे सावधानी बरत कर बचा जा सकता है

आई फ्लू खतरनाक बिमारी नहीं बल्कि आंखों का संक्रमण है, जिससे सावधानी बरत कर बचा जा सकता है

आई फ्लू को कंजक्टिवाइटिस, पिंक आई या रेड आई या आम भाषा में आंखों का आना भी कहते हैं। आई फ्लू आंखों का संक्रमण है जो आंख की झिल्ली कंजक्टिवा ( आंख की श्लेष्मा कला ) में संक्रमण के कारण सूजन आने से होता हैं। यह बारिश या बाढ़ की वजह से वातारण में नमी के कारण कहीं राज्यों में तेज़ी से महामारी के रूप में फैलती हैं। वर्तमान में राजस्थान में भी पैर पसार रहा हैं। 
यूनानी चिकित्सक डॉ. लियाकत अली मंसूरी ने बताया कि किसी की आंखों में देखने से आई फ्लू हो जाता हैं यह भ्रम है।
लक्षण -
आंखें में लालपन, खुजली, जलन, सूजन, दर्द या स्राव निकलने से आंख चिपचिपी या चिपक जाती हैं और आंखों में चुभन, आंखों से पानी निकलता है, बुखार या ठंड लगना भी हो सकता हैं। कुछ मामलों में लक्षण गंभीर भी हो सकते हैं। 
सावधानियां - यह संक्रामक बिमारी है जो संक्रमित व्यक्ति या उसके आंसूओं के सम्पर्क में आने से फैलता है। इसलिए दूसरों से सम्पर्क से बचें और संक्रमित व्यक्ति के खाँसने, छींकने के दौरान दूर रहें और उससे हाथ भी नहीं मिलाएं दूर से ही अभिवादन करें। संक्रमण होने पर एक सप्ताह घर पर ही आराम करें वरना इसे और ज्यादा फैलने का अवसर मिलेगा। अपना तौलिया, रुमाल, चश्मा, साबून अलग रखें। आंखों को निम्न बताई चीज़ों से बार बार साफ़ करते रहें। एक आंख के संक्रमण होने पर दूसरी आंख को बचा कर रखें। कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचें। मेकअप से बचें। 
चिकित्सा - समय पर चिकित्सा नहीं होने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसलिए आंखे आने पर आपके पास पास किसी भी चिकित्सक को तुरन्त दिखावे। कोशिश करें कि अपनी मर्ज़ी से ख़ुद ईलाज नहीं करें वरना बिमारी ज्यादा दिन तक रह सकती हैं। चिकित्सा चिकित्सक की देखरेख में करना उचित रहता हैं। ये बिमारी पांच से सात दिन में ठीक हो जाती हैं। आपको निम्न सुझाव दिए जा रहे हैं
(1) आंखों के दर्द व सूजन होने पर गुनगुने पानी में फिटकरी डालकर कपड़े से सेंक करें। 
(2) गुलाब जल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होने के कारण संक्रमण से लड़ने के गुण होते हैं इसलिए इसे आंखों में दो दो बूंद दिन में तीन से चार बार डाल कर थोड़ी देर के लिए आंखें बन्द रखें।
(3) त्रिफला को रात भर पानी में गला कर सुबह शाम आंखों को धौंयें।
(4) इत्रीफल शाहतरा एक एक या दो दो चम्मच सुबह शाम जल से सेवन करें। 
(5) कुश्ता मरजान 500 मिली ग्राम सुबह शाम दें। 
(6) प्रातः नाहर मुंह खमीरा आबरेशम हकीम अरशद वाला जल से एक एक चम्मच सुबह शाम दें।

नोट - यह समाचार यूनानी चिकित्सक डॉ. लियाकत अली मंसूरी के बताए अनुसार है। आई फ्लू विभिन्न परिस्थितियों में कई प्रकार का हो सकता है। आप स्वविवेक से चिकित्सा करवाएं। यहां दिए गए लेख हेतु देवली चैनल किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं है।


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