देवली में चल रहे स्मृति परिवर्तन-2025 के तहत मुनि 108 प्रणीत सागर महाराज एवं क्षुल्लक 105 विधेय सागर महाराज के सानिध्य मे गुरू पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया।
मुनि के पादप्रक्षालन फिर आचार्य 108 विशुद्ध सागर महाराज की पूजन के साथ ही 250 पूर्वाचार्याे के सम्पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ अर्घावली संगीतमय पूजन के साथ सम्पन्न हुई। पूजन के पश्चात मुनि ने गुरुपूर्णिमा महोत्सव का महत्व बताते हुए बताया की पंचमकाल में साधना आसान नही है इस भव में अपनी साधना को उत्कृष्ट बनाना है तो जीवन मे गुरु का होना आवश्यक है। मुनि ने बताया कि अवसर्पणी काल मे दिगम्बर चर्या के धारी मुनिराज का दर्शन ही किसी अतिशय से कम नही है। ऐसे में दिगम्बर साधू के समक्ष गुरु मानकर अपने जीवन को सद्मार्ग पर चलाना अनन्त पुण्यों के संचय से ही सम्भव है, इसलिये जीवन में गुरु बनाना आवश्यक है। मीडिया प्रभारी विकास जैन ने बताया कि 11 जुलाई को वीरशाशन जयंती अटल उद्यान के टीनशेड ग्राउंड में मनाया जाएगी, जिसमे लगभग 3000 दीपकों से रिधिमन्त्रों की जाप के साथ जाप दी जाएगी।
जैन मुनियों के सानिध्य में मनाया गुरु पूर्णिमा महोत्सव, 250 पूवचार्याे का चढ़ाया अर्घ

