देवली में चल रहे स्मृति परिवर्तन के तहत वीरशाशन जयंती महामहोत्सव धूमधाम से मनाया गया। चातुर्मास स्थल पर ही मुनि 108 प्रणीत सागर महाराज को जिनवाणी भेंट की गई।
मीडिया प्रभारी विकास जैन ने बताया कि सांयकाल नगरपालिका टिन शेड में वृहद आकार का स्वास्तिक के माध्यम से शुरुआत की, तत्पश्चात मुनि के मुखारविंद से प्रत्येक रिधिमन्त्रों के साथ लगभग 3000 दीपकों को प्रज्वलित कर सम्पूर्ण जाप की गई। मुनि ने वीरशाशन पर्व पर बताया कि श्रावण कृष्ण प्रतिपदा के दिन भगवान महावीर की दिव्यध्वनि मुखरित हुई तथा 718 भाषाओं में खिरनी लगी तब महर्षि गौतम ने उसे लिपिबद्ध किया एवं अंतर्मूर्हत में द्वादशांग जिनवाणी की रचना की उसी उपलक्ष्य में वीरशाशन जयंती का पर्व मनाया जाता है। आयोजन में सकल जैन समाज ने अपनी भागीदारी निभाई। मीडिया प्रभारी ने बताया कि रविवार को मध्यान में चातुर्मास कलश की स्थापना होगी, जिसकी अध्यक्षता समाज अध्यक्ष बंशीलाल सर्राफ, मुख्य अतिथि नेमीचंद जैन अध्यक्ष नगरपालिका देवली होंगे।
जैन समाज ने वीरशाशन जयंती महामहोत्सव मनाया

