देवली मे रक्षाबन्धन पर्व पर पार्श्वनाथ धर्मशाला में श्रेयांशनाथ भगवान का मोक्षकल्याणक पर्व व उपसर्ग निवारक रक्षाबंधन पर्व मुनि 108 प्रणीत सागर महाराज व 105 क्षुल्लक विधेय सागर महाराज के सानिध्य में मनाया गया।
चातुर्मास कमेटी के सहमंत्री जीतू मित्तल ने बताया की सर्वप्रथम आदिनाथ मंदिरजी से अरिहन्त परमेष्ठी श्री 1008 श्रेयांशनाथ भगवान को नवयुवको ने अपने मस्तक पर विराजमान कर बैंड बाजो से सज्जित जुलूस के साथ पार्श्वनाथ धर्मशाला लाए जहाँ पर सर्वप्रथम सभी श्रावको ने अभिषेक किया। तत्पश्चात शांतिधारा के लिए पात्रों का चयन बोली द्वारा किया गया। छोटे छोटे बालक बालिकाओ द्वारा 700 मुनियों के उपसर्ग निवारक नाटिका का मंचन अपनी पूर्ण क्षमता व उत्साह से किया गया। निर्वाण लाड़ू चढ़ने के बाद महाराज के मुखारविंद से अकंपनाचार्य आदि 700 मुनियो की अर्घवाली द्वारा 700 श्रीफल श्रावको ने अर्पित किए। मीडिया प्रभारी विकास जैन ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान बालिका मण्डल द्वारा मंगलाचरण किया गया एवं क्षुल्लक विधेय सागर ने रक्षाबंधन पर अपनी काव्यमयी वाणी से भजन के माध्यम से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
श्रेयांशनाथ भगवान का मोक्षकल्याणक दिवस मनाया, जैन मुनि को निर्वाण लाड़ू चढ़ा कर 51 फिट की राखी भेंट की

