देवली में गणेश रोड स्थित स्वामी परमानंद भारती आश्रम का गादी बता कर स्वयं को धार्मिक रूप से प्रमुख व्यक्ति के रूप में दर्शाने वाले आरोपी महाराज अमित कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने कूटरचित व फर्जी वसीयतनामा के आधार पर उक्त संपत्ति का मालिकाना हक प्राप्त किया था।
पुलिस थाना प्रभारी दौलत राम गुर्जर ने बताया कि प्रकरण में परिवादी सूरज खटीक पुत्र स्व. गणेश तंवर तेली मोहल्ला निवासी देवली ने मामला दर्ज करवाया कि उसके दादा सुखदेव भारती पुत्र परमानंद भारती जाति खटीक की चल अचल संपत्ति अंबेडकर कॉलोनी जहाजपुर में स्थित है। परिवादी के दादा सुखदेव भारती की मृत्यु 17 जनवरी 2018 को हो चुकी। सुखदेव भारती की 4 संतानों में से कन्हैया, गणेश व पुत्री कल्पना की मृत्यु हो चुकी तथा परिवादी सुखदेव के पुत्र गणेश का बेटा है। परिवादी व अन्य वारिसान ने आपसी सहमति से सुखदेव भारती के द्वारा छोड़ी गई संपत्ति का आपसी सहमति से बटवारा करने हेतु बातचीत की तो सुखदेव के पौत्र अमित कुमार पुत्र स्व. कन्हैया लाल ने बताया कि सुखदेव भारती ने अपने जीवन काल में अपनी चल अचल संपत्ति की वसीयत उसके नाम कर दी थी।
थाना प्रभारी ने बताया कि इस प्रकरण में परिवादी द्वारा पंजीकृत वसीयत की प्रमाणित प्रति निकलवाई तो ज्ञात हुआ कि वह पूर्ण रूप से फर्जी एवं कूटरचित दस्तावेज है, क्योंकि जो हस्ताक्षर वह अंगूठा निशाने सुखदेव के अन्य दस्तावेज में किए गए हुए अन्य हस्ताक्षरों से मिलान नहीं करते हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि प्रकरण में गहन अनुसंधान किया गया तथा संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ कर साक्ष्यों का संकलन किया गया। विधिविज्ञान प्रयोगशाला की सहायता ली जाकर प्रकरण का खुलासा किया गया। थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपी अमित कुमार ने सुखदेव भारती की मृत्यु के पश्चात कुटरचित व फर्जी वसीयतनामा के आधार पर संपत्ति का मालिकाना हक प्राप्त करने के आशय से वसीयतनामा का उप पंजीयन देवली के समक्ष रजिस्ट्रेशन करवाया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामले में और पूछताछ की जा रही है।
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स्वामी परमानंद भारती आश्रम की करोड़ों की संपत्ति को फर्जी वसीयतनामा के आधार पर हड़पने का आरोपी गिरफ्तार, विधिविज्ञान प्रयोगशाला की सहायता से हुआ मामले का खुलासा










