Ajay AryaAjay Arya 03-Jul-2025
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मुनि प्रणीत सागर का हुआ भव्य मंगल प्रवेश, सैकड़ो श्रद्धालुओं ने किए पाद प्रक्षालन

मुनि प्रणीत सागर का हुआ भव्य मंगल प्रवेश, सैकड़ो श्रद्धालुओं ने किए पाद प्रक्षालन

देवली में परम पूज्य पट्टाचार्य 108 विशुद्ध सागर महाराज के प्रभावक शिष्य श्रमण मुनि 108 प्रणीत सागर महाराज एवं क्षुल्लक105 विधेय सागर महाराज ससंघ ने देवली में भव्य मंगल प्रवेश किया। 
णमोकार मण्डल के सदस्य ओमप्रकाश जैन ने बताया की मुनि संघ का देवली में होने जा रहे स्मृति परिवर्तन-2025 चातुर्मास के दौरान जहाजपुर चुंगी नाके से देवली में प्रवेश किया जहां समाज के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मुनि संघ की अगवानी करी। चुंगीनाके से विशाल जुलूस में मुनि का नगर प्रवेश करवाया गया, जिसमें सभी श्रावक जैन धर्म के भजनों पर नाचते गाते हुए, नारे लगाते हुए चल रहे थे, वही पूरे शहर को स्वागत द्वार एवं बलून डेकोरेशन से चन्द्रपभु मन्दिर तक सजाया गया। दिगम्बर जैन अग्रवाल समाज के अध्यक्ष सहित जैन समाज के अन्य मन्दिर के अध्यक्षों ने भी मुनि संघ की अगवानी की एवं पादप्रक्षालन किये। मुनि संघ ने सदर बाजार होते हुए चन्द्रपभु भगवान मन्दिर, मुख्य बाजार से महावीर मन्दिर से पुनः मुख्य बाजार से विवेकानंद कॉलोनी स्थित शांतिनाथ भगवान मन्दिर के दर्शन किये एवं वहाँ से चातुर्मास स्थल पार्श्वनाथ धर्मशाला में भव्य मंगल प्रवेश किया। युवा परिषद मीडिया प्रभारी विकास जैन ने बताया की मुनि ने चातुर्मास स्थल पर पहुंचकर धर्मसभा को सम्बोधित किया। प्रवचन से पूर्व सर्वप्रथम शांतिनाथ भगवान, समाधिस्थ गणाचार्य 108 विरागसागर महाराज, एवं श्रमणाचार्य 108 विशुद्ध सागर महाराज का चित्र अनावरण किया गया। मुनि ने प्रवचन के दौरान कहा कि विनय, समर्पण, समय प्रवर्तन, अनुशासन एवं लक्ष्य निर्धारण करने की क्षमता हो वही श्रावक चातुर्मास का लाभ के सकते है। 
 


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